महफिलों में अदायगी के लिये,
वो छोर गया तन्हा मुझे.
बहारों के आने से पहले मुरझा जाये फूल,
वो इस कदर गया तड़पा मुझे.
मेरे स्वरों को अपनी आवाज़ देकर,
उम्र भर के लिये मौन कर गया मुझे.
रूह को मेरे अपने रंग से सवार,
वो बेरंग कर छोड़ गया मुझे.
मन में आशा के दीप जला,
निराशाओ की सजा दे गया मुझे.
अपनी किरण से जगमग कर जिस्म को,
जलता हुवा कोई छोड़ गया मुझे.
सपनों की सुनहरी दास्तान सुना,
नीदे चुरा, तोड़ गया मुझे.
दिल को देकर अहसास प्यार का,
होती है बेवफाई क्या, बता गया मुझे.
तुम बस रूह से हमें अपनाने लगो
14 years ago




heart touching... nice friend..
ReplyDeletepainful and fantastic..
ReplyDeletereally gud and painful..
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