Friday, October 9, 2009

तेरा ही इंतजार..


कभी गुजरो अगर यादों की पुरानी कब्र से,
कुछ देर रुक जाना वह पर थोड़ा सब्र से.
बरसों से तेरे आने की उम्मीद है उसे,
अरसे से प्रेम की एक बूंद नहीं मिली जिसे.
तेरा ही रास्ता देखती है वो थकी आंखे,
आज भी याद है उसे, तेरी वो बीती बाते.
दिल में कैद है उसके वो कुछ सवाल,
जिनका बाकि है आज भी अनकहा जवाब.
माना की तू भूल गया वो जमाना,
जो कभी था तेरे जीने का एक बहाना.
भूलने से तेरे वो बदला नहीं है,
जब से गिरा वो संभला नहीं है.
लहू में दौड़ती उसकी आज भी तेरी सांसे,
दर्द से भरी रहती उसकी हर बाते.
मुश्किलों से ढ़लती उसकी है राते,
कानों में गुजती केवल तेरी ही बाते.
कभी गुजरो अगर यादों की पुरानी कब्र से,
कुछ देर रुक जाना वह पर थोड़ा सब्र से.
बरसों से तेरे आने की उम्मीद है उसे,
अरसे से प्रेम की एक बूंद नहीं मिली जिसे.

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