Friday, October 9, 2009

हार मत मानना..


कभी दूर लगे तुझे सूबे का सूरज,
भयभीत करे तुझे परिस्थिति की सूरत.
आत्मविश्वास तेरा जमीन पर गिर जाये,
तेरे करीबी छोड़ तुझे कही दूर चले जाये.

मन में तेरे हताशा घर कर जाये,
ह्रदय में तेरे निराशा की बाढ़ आ जाये.
चोट पर तेरे कोई मरहम न लगाये,
तेरी सलामती को कोई हाथ न उठाये.

सलाह तुझे तू हर ना मान जाये उस वक्त,
परिवर्तित होती है स्तिथिया, चाहे कितनी हो सख्त.
आज का परिदृश्य तुझे देना चाहता है शिक्षा,
क्यों उदासी के भाव चेहरे पर, ले ले इस से दीक्षा.

मनुष्य है, मनुष्यता का प्रदर्शन कर,
तू इस तरह हारकर, शर्मनाक आत्मसमपर्ण ना कर.
तेरी है ये वास्तविक परख,
तेरे संघर्षो से ही आगे बढेगी तेरे सफलता की सड़क.

कर्म पर न्योछावर कर अपना शत प्रतिशत,
यही है इस दर्द के निदान के हकीकत.
याद रख है एक सर्वशक्तिमान शक्ति,
कार्य करे जो सच्चा कोई, तो वो शक्ति है उसकी शक्ति.

कभी दूर लगे तुझे सूबे का सूरज,
भयभीत करे तुझे परिस्थिति की सूरत.
आत्मविश्वास तेरा जमीन पर गिर जाये,
तेरे करीबी छोड़ तुझे कही दूर चले जाये.

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